पत्नी – पता नहीं क्या हो गया है हमारी बिटिया पलक को ? कल रात को खाना भी नही खाया, और रो भी रही थी। अभी सुबह जगाने गई। तो फिर से रो रही थी। वजह पूछी तो, बस इतना कहा कि please मां मुझे अकेला छोड़ दो। मुझे लगता है, शायद उसे किसी ने प्यार में धोखा दिया है। डर लगता है। कि वो खुद को नुकसान ना पहुंचा ले। पति थोड़ी खामोशी के बाद कहता है कि, “ठीक है। मैं देखता हूं।” इतना कहकर वो अपनी बेटी के कमरे में जाते है।
- father – hello पलक! कैसी हो बिटिया?
- daughter – please पापा! मुझे कुछ दिनों के लिए अकेला छोड़ दीजिए।
- father – ठीक है बेटी। मगर हमारी एक शर्त है।
- daughter– बोलिए।
- father – बस तुम्हे एक बकवास सी कहानी सुनाना चाहता हूं। तुम सुन लो। फिर हम तुम्हे disturb नही करेंगे।
- daughter– ठीक है सुनाइए।
पिता ने कहानी सुनना शुरू किया। “आज से करीब बीस साल पहले, एक राजा हुए करते थे। वो बहुत धनवाद थे। उनके दो बेटे थे। बड़ा बेटा बोहत आज्ञाकारी और ईमानदार था। उस राजा को अपनी बड़े बेटे पर बोहत नाज था। राजा ने अपने बड़े बेटे की शादी एक बेहद खूबसूरत लड़की से कर दी।
फिर वो लड़की गर्भवती हुई। घर में खुशियां ही खुशियां आ गई। मगर राजा कि जिद थी, कि बेटा ही हो। फिर राजा ने अपनी बहू के गर्भ का चेकअप कराया तो पता चला कि गर्भ में लड़की है। राजा ने बेटे को हुकुम दिया कि लड़की को गिरा (abortion) दिया जाए आखिर बड़ा बेटा तो आज्ञाकारी था ना! तो पिता की आज्ञा तो मानेगा ही ना मगर ना जाने उस पागल बेवकूफ को क्या सुझा? दो दिन बाद अपना राज-पाठ धन-दौलत सब छोड़ के, अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर महल से चला गया।” कहानी खत्म हो गई।
इसके बाद पिता, बेटी से बोलते हैं। “सच कहूं तो वो बड़ा पागल और बेवकूफ था। कहां लोग बेटियों को बोझ समझकर गर्भ में मार देते है और वो एक बेवकूफ़ पागल आदमी, बाप की बात मानता तो आज राजा होता। पता नहीं आज बो बेवकूफ बेटी कि वजह से किस हालात में होगा?
तभी पलक की माँ वहां आकर कहती है। “वह बेवकूफ, बेटी के लिए पागल शख्स, और कोई नहीं, ये तेरे पिताजी ही हैं। तुझे अपनी सच्ची कहानी सुना रहे है। तू कहती थी ना। मम्मी मैंने नाना-नानी को तो देख लिया। काश पाप अनाथ ना होते तो दादा-दादी का चेहरा भी देख लेती। तेरे पापा अनाथ नही है। तेरे पापा ने ये सच इसीलिय छुपाया कि तू दादा-दादी से मिलने की जिद ना करे बड़ी होकर। अखबार में इश्तहार देकर, तेरे दादा ने वापस बुलाना चाहा। मैंने भी कहा कि वापस चलते हैं पर तेरे पापा ने, तुझे गोद मे उठाकर बस इतना ही कहा कि “जिस घर मे मेरी princess की हत्या का फरमान जारी किया गया हो, वहाँ एक बाप कैसे सांस ले सकता है ?”
माँ कि बात सुनने के बाद नजारा बदल गया। अब पलक की नजरों में पापा के लिए प्यार और बढ़ गया था। उनकी कुर्बानी के लिए इबादत करने का जी चाह रहा था उसका।आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे मगर अब ये आंसु सिर्फ अपने पापा के लिए था। पापा ने बस आखिरी शब्द इतना ही कहा कि “मैं नहीं जानता की दुनिया तेरे बारे में क्या सोचती है ? मगर तू मेरे लिए बेहद अनमोल हो बेटी। भले ही मैं आज कहीं का राजा नहीं रहा हूं मगर तुम कल भी, आज भी और सदा ही मेरी princess रहोगी।” बेटी ने दौड़कर अपने पापा को गले लगाया और रोते हुए कहा “आप असली राजा हो पापा और मैं आप की princess हूं। अब एक नई शुरुआत हुई और फिर से princess अपनी रियासत (kingdom) में लौट आई।