नाच रहे हैं सब साथी और संगी
रंगो मे रंगकर बन गए हैं सतरंगी
भंग भी पी रहे होकर मलंगी
क्योंकि होली है भाई होली है
धूम मची है गली गली
हवा भी बह रही है भली भली
सबकी चाल मस्ती में है ढली ढली
क्योंकि होली है भाई होली है
रंग लगाया पापा को
पिचकारी मारा चाचा को
गुलाल से नहला दिया काका को
क्योंकि होली है भाई होली है
बन रहे हैं पुए पकवान
सज गई हैं मिठाइयों की दुकान
सबके चेहरे पर खिली है मुस्कान
क्योंकि होली है भाई होली है
जिंदगी में नए रंग मुबारक हो
मौज मस्ती की भंग मुबारक हो
नई खुशियों की उमंग मुबारक हो
क्योंकि होली है भाई होली है