यह कहानी रूही और समर की है। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और दोनों में अटूट विश्वास था। वह दोनों एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे। रूही घरेलू थी मगर कामकाजी थी। और समर multinational company में अच्छी position पर job करता था। सारा दिन काम निपटा लेने के बाद phone पर, रूही से अपने दिल की सारी बातें करना, समर की आदत थी। और रूही भी समर को बहुत support करती थी। उसकी हर बात मानती थी और उसे प्यार से समझाती थी।
समर भी रूही की हर बात को सुनता था, उसकी हर बात से खुश होता था। वह सोचता था कि वह कितना लकी है कि रूही जैसी चाहने वाली लड़की उसे मिली। सब कुछ बहुत अच्छा और खुशनुमा चल रहा था लेकिन कहते हैं ना कि प्यार के मौसम में बदलाव होते हैं।और जिंदगी गम के बिना अधूरी होती है तो यहां भी ऐसा ही हुआ।
क्योंकि समर एक multinational company में अच्छी job करता था। तो उसकी चाहने वाली भी कई थी। हालांकि वो सब समर से नहीं, बल्कि उसके पैसों से प्यार करती थी और यह बात समर भी अच्छी तरीके से समझता था मगर फिर भी समर कभी-कभी WhatsApp में उन लड़कियों से बात कर लेता था क्योंकि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि कोई लड़की उससे प्यार करती है या नहीं। उसे ये अच्छे से मालूम था कि उसकी रूही उस पर कभी शक नहीं करेगी इसलिए वह जी भर के, जी खोलकर, बिना किसी संकोच के, किसी भी लड़की से बात कर लिया करता था।
1 दिन उसके job में काम करने वाली एक लड़की ने उसे massage किया। लड़की का नाम अनु था।
- अनु – hii
- समर – hii
- अनु – मैं तुमसे प्यार करती हूं।
- समर – तो मैं क्या करूं ?
- अनु – Please मेरे पास आ जाओ। मेरे प्यार को accept कर लो।
- समर – ऐसा नहीं हो सकता। मैं किसी और से प्यार करता हूं।
- अनु – कौन है वो ? मुझे उसका नाम बताओ।
- समर – क्यों, तुम क्या करोगीे उसका नाम जानकर ?
- अनु – मैं उसे जाकर कहूंगी कि वो तुम्हें छोड़ दे। तो वो तुम्हें छोड़ देगी।
- समर – हाहाहाहा… तुम उसे कहोगी कि वो मझे छोड़ दे, और वो मुझे छोड़ देगी! अफसोस हो रहा है तुम्हारी सोच पर। तुम लोगों के लिए पर सिर्फ एक खेल है ना। आज इसके साथ खेल लिया, कल उसके साथ।
- अनु – नहीं। मैं तुमसे सच में प्यार करती हूं। मैं तुम्हें, उस लड़की से ज्यादा प्यार करूंगी।
- समर – हां, तुम मुझे प्यार करोगी। क्यूंकि तुमने मुझे प्यार किया है। क्यूंकि मेरे पास पैसे हैं, position है। जबकि मेरी रूही मेरे साथ तब से है। जब मैं कुछ भी नहीं था।
- अनु – ओह! तो उसका नाम रूही है।
- समर – हां, रूही है। और तुम जैसी हजार लड़कियां, मिलकर भी उसकी जगह नहीं ले सकती। अभी तुम्हारी जगह रूही होती। तो 10 बार पूछ चुकी होती कि, “समर तबियत कैसी है, खाना खाया कि नहीं ?” लेकिन तुमने एक 1 बार भी जानने कि कोशिश नहीं की। यही प्यार करती हैं आप मुझसे ?
- अनु – रूही भी कोई तुमसे प्यार-व्यार नहीं करती। एक बार तुम उससे कह दो कि तुम किसी और से प्यार करते हो। फिर देखना, वो तुरंत किसी और को अपना लेगी।
- समर – ऐसा कभी नहीं होगा। वो मुझे कभी नहीं छोड़ सकती।
- अनु – हां तो आज़मा लो ना। कह के तो देखो कि तुम अब किसी और से प्यार करते हो। तुम देखना, वो सच में तुम्हें छोड़कर चली जाएगी, हमेशा के लिए।
समर whatsapp बंद कर देता है लेकिन अनु कि बातें सुनने के बाद, समर को एक शरारत सूझी। उसने सोचा कि, ‘क्यों ना रूही से मज़ाक किया जाए कि “मैं किसी और से प्यार करने लगा हूं” ज़रा देखूं तो, मेरी रूही क्या करती है ?’
जैसा कि उन दोनों की आदत थी हर रोज़ रात में एक दूसरे से phone पर बात करने की। तो आज भी दोनों रोज़ कि तरह ही बात करने लगे। समर ने रूही को call किया।
- रूही – hello
- समर – रूही, मुझे तुमसे एक बात कहनी है। (समर से इंतजार नहीं हो रहा था)
- रूही – बात को छोड़ो, पहले ये बताओ कि तुम कैसे हो ? तबीयत ठीक है ना, खाना खाया कि नहीं तुमने ?
- समर – मुझे तुमसे जरूरी बात कहनी है। इन बातों के लिए समय नही। (समर ने थोड़ी बेरुखी से ये बात कही)
- रूही – क्या हुआ, ऐसी क्या बात हो गई ? (थोड़ी घबराहट और आश्चर्य के साथ)
- समर – तुम सुन पाओगी ? (वो रूही के ज्यादा मज़े लेना चाह रहा है)
- रूही – प्लीज जल्दी बताओ। मुझे घबराहट हो रही है। (थोड़ा डर के)
- समर – मुझे किसी और से प्यार हो गया है। मैं अब तुमसे प्यार नही करता। (मंद हंसी के साथ)
- रूही – ओह! (उसके पैरो तले की ज़मीन खिसक जाती है पर वो संभल कर बोलती है) देखो समर, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। यकीं मानो, तुम्हारी खुशी से बढ़कर कुछ नहीं मेरे लिए। और अगर तुम्हारी खुशी किसी और के साथ है तो मैं तुम्हे नही रोकूंगी। वो जो कोई भी है तुम उसके साथ खुश रहना। मेरी दुआएं तुम्हारे साथ रहेंगी, हमेशा।
इतना कहकर रूही phone रख देती है और समर मन ही मन बहुत खुश होता है की उसकी रूही, उससे इतना प्यार करती है कि उसके लिए कुछ भी कर सकती है फिर समर ने सोचा कि कुछ दिनों तक वो रूही से बात नही करेगा वरना रूही समझ जाएगी, कि उसने मज़ाक किया था उसके साथ। और इसी तरह एक हफ्ते बीत गए।
रूही ने एक बार भी call नहीं किया फिर समर ने सोचा कि ‘अब मजाक बहुत हुआ अब इसे खत्म करता हूं।’ उसने रूही को call किया। रूही का call नहीं लगा। समर ने सोचा कि network problem होगी। उसने दूसरे दिन भी call किया पर इस बार भी call नहीं लगा। तीसरे दिन भी call नहीं लगा। अब उसे घबराहट होने लगी। अब वो पूरे दिन में कई बार call कर रहा था पर हर बार phone बंद बता रहा था। अब समर को चिंता सताने लगी कि ‘क्या वाकई में रूही उससे दूर हो गई ? जैसा कि अनु ने कहा था। क्या सच में रूही ने उसे छोड़ दिया ?’
समर ने रूही से सच्चा प्यार किया था तो उसे जवाब चाहिए था रूही से कि “वो उससे बात क्यों नहीं कर रही है ?” और इसलिए उसने रूही के hostel जाने का फैसला किया। चार दिनों बाद अपने काम से छुट्टी लेकर समर, रूही के hostel पहुंचता है। वहां जाने के बाद उसे पता चलता है कि रूही अब इस दुनिया में नहीं है। उसने एक हफ्ते पहले ही फांसी से लटक कर अपनी जान दे दी।
ये सुनते ही समर पर मानो बिजली गिर पड़ती है। वो कुछ देर सुन्न पड़ जाता है। उसे यकीन नहीं होता कि ये क्या हो गया और क्यों हुआ ? वो टूटकर बिखर जाता है। उसे रूही कि सहेली ने बताया की, ‘रूही ने तुम्हारे लिए एक खत छोड़ा है।’ रूही ने इस खत को खास समर के लिए लिखा था जिसे उसने अपनी सहेली को ये बताए हुए दिया था की अगर कभी समर यहां आए और मैं ना रहूँ तो ये खत उसे दे देना।
रूही की सहेली को भी नहीं पता था कि रूही ने वो खत उसे इसलिए दिया था। वो रूही के खत को समर के हाथ में थमा कर, दबे पांव, वहां से चली जाती है। समर वो खत पकड़े, कुछ घंटे बैठा रहता है। जब शाम होती है। तब वो बड़ी हिम्मत जुटाकर खत को खोलता है जिसे पढ़ने के बाद, वो अपने घुटनों के बल गिर पड़ता है और फूट-फूट कर रोने लगता है। उस खत में लिखा होता है कि…
प्रिय समर
जब तुम्हे मेरी ये चिट्ठी मिलेगी। तब मैं तुमसे इतनी दूर हो जाऊंगी की चाहकर भी तुम मुझसे मिल नहीं पाओगे। जानती हूं। तुम्हे धक्का लगेगा लेकिन फिर भी तुम संभल जाओगे क्योंकि अब तुम मुझसे प्यार नहीं करते अगर तुम मुझसे contact करोगे भी तो, सिर्फ इसलिए, क्योंकि तुम अपने हर जान पहचान वालों की परवाह करते हो। और तुम मेरी भी फिक्र करोगे, कि मैं कैसी हूं ? बावजूद इसके कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते फिर भी जानने की कोशिश ज़रूर करोगे कि “मैं कैसे रह रही हूं?”
मुझे call में ना पाकर, तुम मुझे ढूंढने यहां ज़रूर आओगे और तब तुम मेरा ये खत पढ़ोगे। समर, मुझे माफ़ कर देना, कि मैं ऐसा करने जा रही हूं। जो तुमने, मुझे लेकर कभी नहीं सोचा होगा पर मैं क्या करती ? मां-बाप के गुज़र जाने के बाद, मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला था फिर तुम मेरी ज़िन्दगी में आए। तुम्हारा प्यार मुझे मिला, और फिर तुम्ही मेरी ज़िन्दगी बन गए।
समर, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। अपनी ज़िन्दगी से ज्यादा, अपनी हर सांस से ज्यादा लेकिन, अब तुम मुझे प्यार नहीं करते यानी कि मेरी ज़िन्दगी, अब मेरी नहीं तो बगैर ज़िन्दगी के, सिर्फ सांस लेने का क्या मतलब ?
ऐसा नहीं है कि मैंने कोशिश नहीं की तुम्हारे बगैर जीने की पर नही समर I can’t live without you. नहीं जी सकती तुम्हारे बिना, पर मैं तुम्हारे खुशियों के आड़े नहीं आना चाहती। तुम्हारी खुशी किसी और के साथ है इसलिए मैं तुम्हारे खुशियों के रास्ते, कभी नहीं आऊँगी लेकिन मेरे दिल को कैसे समझाऊं? ये है कि तुम्हें छोड़ना ही नहीं चाहता इसलिए तुम्हारी खुशियों और मेरे दिल, दोनों के लिए मुझे एक यही रास्ता सूझा। मैं अपने मां पापा के पास जा रही हूं, हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
तुम्हारी रूही
समर बस सिसक सिसक कर रोता है। और बस यही कह पाता है कि तुमने ऐसा क्यों किया, तुमने ऐसा क्यों किया?