जाना चाहें भी दूर तुमसे
पर दिल जा नहीं पाता है
ना जाने क्यों, तू दिल को
इतना भाता है
ख़ामोश रहते हैं लब मेरे
अश्क बातें करती है
मेरी हर एक सांस
तेरी आहें भरती है
जो तुम नहीं
तो हम नहीं
जो तुम हो
तो कोई गम नहीं
हम नहीं, पर
दिल मेरा रोता है
तू साथ नहीं पर
साथ फिर भी होता है
मेरी यादों में तू
हमेशा शामिल होता है
हम बैठे होते हैं तन्हा
जमाना महफ़िल में होता है
