तेरी प्रेम की तपिश
आज फिर हमें जला रही है
जाने क्यों आज तेरी
इतनी याद आ रही है
मान लिए थे हम
कि तू निकल गया मेरे दिल से
फिर क्यों तेरी यादों की घटा
मेरे ऊपर छा रही है
इतना खूबसूरत है
तेरी यादों का मंजर
कि निकलने को जी नहीं चाहता
चलो मान लिये हम
ना चाहते हुए भी हमें तेरी
बहुत याद आ रही है
